न्यूज डेस्क, बेगूसराय, विजय कुमार सिंह।।
बेगूसराय जिले के माउंट लिट्रा पब्लिक स्कूल एवं किडज़ी में राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस बड़े ही श्रद्धा, उत्साह और कृतज्ञता के भाव के साथ मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत महान चिकित्सक डॉ. बिधान चंद्र रॉय को श्रद्धांजलि अर्पित कर की गई। इसके पश्चात विद्यालय के ऑडिटोरियम में एक भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें बच्चों ने डॉक्टरों के योगदान को समर्पित विभिन्न प्रस्तुतियाँ दीं। इसके बाद विद्यालय के तीन अलग-अलग छात्र समूहों ने अपने मेंटर्स के साथ शहर के प्रमुख अस्पतालों — ग्लोकल हॉस्पिटल, IOC हॉस्पिटल और नवदंत क्लिनिक का दौरा किया।
ग्लोकल हॉस्पिटल में छात्रों ने डॉक्टरों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए समाज में उनकी भूमिका पर सुंदर प्रस्तुति दी। डॉ. चंदन कुमार, डॉ. अविनाश कुमार, डॉ. भावेश कुमार, डॉ. महेश, डॉ. अप्पाना राय, डॉ. कन्हैया कुमार और डॉ. संगम कुमारी को विद्यालय की प्राचार्या डॉ. शीतल द्वारा भेजे गए प्रशंसा-पत्रों से सम्मानित किया गया। अस्पताल प्रशासन ने बच्चों के इस प्रयास की दिल से सराहना की। वहीं दूसरा समूह IOC हॉस्पिटल पहुँचा, जहाँ बच्चों ने डॉ. पंकज, डॉ. निखिल, डॉ. कोमल, डॉ. मित्तल, डॉ. पल्लवी, डॉ. अखिलेश और डॉ. महेन्द्र को डॉ. शीतल द्वारा भेजे गए प्रशंसा-पत्रों से सम्मानित किया गया। छात्रों की प्रस्तुतियाँ वहाँ भी अत्यंत प्रेरणादायक रहीं।
तीसरा समूह विद्यालय के चेयरमैन डॉ. मनीष देवा के नवदंत क्लिनिक पहुँचा, जहाँ उन्हें भी बच्चों द्वारा प्रशंसा-पत्र देकर सम्मानित किया गया। डॉ. देवा ने बच्चों के इस भावपूर्ण सम्मान से अत्यंत प्रसन्न होकर आशीर्वाद दिया।
विद्यालय में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में अभिभावकों का गर्मजोशी से स्वागत किया गया। प्री-प्राइमरी के बच्चों ने दिल को छू लेने वाला भाषण दिया। भारत की पहली महिला डॉक्टर पर आधारित एक प्रेरणादायक नाटक प्रस्तुत किया गया। “कोरोना योद्धाओं” पर आधारित एक विशेष नृत्य, नन्हे बच्चों द्वारा “दिन-रात ढूंढती” गीत पर प्रस्तुति और अमित सर के निर्देशन में “ये तो सच है कि भगवान है” गीत की कोरस प्रस्तुति ने सभी का मन मोह लिया।
डॉ. मनीष देवा, चेयरमैन, ने कहा “आज का दिन हमें याद दिलाता है कि डॉक्टर केवल एक पेशा नहीं, बल्कि समाज की निःस्वार्थ सेवा है। ऐसे अवसरों पर बच्चों द्वारा दिखाया गया सम्मान भावी पीढ़ी के संस्कारों को दर्शाता है।”
प्राचार्या डॉ. शीतल ने कहा “हमारे बच्चे जब समाज के सेवकों को सम्मानित करते हैं, तब शिक्षा अपने सही मायनों में सार्थक होती है। डॉक्टरों के प्रति कृतज्ञता जताने का यह सुंदर प्रयास सराहनीय है।”