न्यूज डेस्क, बेगूसराय, विजय कुमार सिंह।।
जिस उद्देश्य को लेकर लोकनायक जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में आंदोलन हुआ था। इस उद्देश्य से अब किसी को कुछ लेना देना नहीं रह गया है। 1974 के जेपी आंदोलन संपूर्ण क्रांति के बाद अब देश में तीसरे आंदोलन की जरूरत है। जेपी की परिकल्पना में एक ऐसा समाज बनाने का था जिसमें नर-नारी के बीच समानता हो, जाति का भेदभाव न हो। जब गुजरात तथा बिहार के विद्यार्थियों ने नेतृत्व संभालने का आग्रह किया। तब जेपी ने 5 जून 1974 के दिन पटना के गांधी मैदान में औपचारिक रूप से संपूर्ण क्रांति की घोषणा की।
यह बातें प्रदेश अध्यक्ष अमरेंद्र कुमार सिंह ने सर्वोदवनगर सुखदेव सभागार बेगूसराय में आयोजित 1974 जेपी आंदोलनकारी संपूर्ण क्रांति मोर्चा के 50 वर्ष पूर्ण होने पर सम्मेलन को संबोधित करते हुए बुधवार को कहीं।
इस अवसर पर जे पी सेनानी के जिला अध्यक्ष राजेंद्र महतो अधिवक्ता ने कहा कि जेपी के आदर्शों पर आज सभी को चितन करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जब चार दिन के कर्फ्यू के कारण 1974 का आंदोलन हुआ था।
इस अवसर पर इंजीनियर आलोक कुमार ने कहा मध्यप्रदेश के तर्ज पर जेपी सेनानियों को भी 25 हजार का पेंशन दिया जाना चाहिए। संपूर्ण क्रांति मोर्चा के तमाम साथियों को बिहार और अन्य राज्य में भी 10 हजार पेंशन दिया जाए ।
साथ ही समाज सेवी इंजीनियर अभिषेक कुमार ठाकुर ने कहा कि कि प्रधानमंत्री से लोकनायक जयप्रकाश नारायण के जीवनी पर आधारित विषयों की पढ़ाई कॉलेजों और यूनिवर्सिटी में शुरू कराये जाने तथा पूरे देश भर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, सरदार वल्लभ भाई पटेल आदि महापुरुषों के जयंती मनाने की भी घोषणा की मांग की जाएगी। उन्होंने देशहित मुद्दों पर चर्चा भी की।
इस अवसर पर ज्ञानचंद पाठक, आलोक मिश्र, नाथो साह, प्रशांत कुमार, कारी यादव, अनाया कुमारी, महिला सेल सचिव सुनीता देवी, डॉक्टर जुल्फकार अली आदि ने अपना विचार व्यक्त किया।