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बेगूसराय। 8 जनवरी 2024
रंगकर्मी सफदर हाशमी की याद में दिनकर कला भवन बेगूसराय के रिहर्लसल स्पेस में द लेफ्ट थियेटर जसम के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्धाटन जसम बिहार के राज्य उपाध्यक्ष वरिष्ठ रंगकर्मी प्रमोद यादव ने किया। उन्होंने कहा कि आज वर्चस्व की संस्कृति के खिलाफ प्रगतिशील सांस्कृतिक संगठनों को हल्ला बोलने की जरुरत है। धर्मांधता की गिरफ्त से जनता को बाहर निकलना होगा। इसके लिए गांव, कस्बे और शहर जनसंवाद रंगयात्रा निकालने की योजना है।
कार्यक्रम को वरिष्ठ रंगकर्मी अवधेश सिन्हा, साहित्यकार रंगकर्मी प्रदीप बिहारी ने भी संबेधित करते हुए सफदर हाशमी को याद किया। बुद्धिजीवि व अवकाश प्राप्त शिक्षक भगवान प्रसाद सिन्हा ने सफदर की शहादत को याद करते हुए कहा कि फासीवाद के इस दौर मे सफदर की शहादत से प्रेरणा लेते हुए तथा उनके कार्यो को आगे ले जाने की जरुरत है।
इस अवसर पर विजय कुमार सिन्हा और मुकेश कश्यप के द्वारा शंकर शैलेंद्र की मशहूर रचना तूं जिंदा तो जिंदगी की जीत पर यकीन कर का गायन कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। रंगकर्मी प्रमोद यादव ने ब्रेष्ट की रचना, गर खाली आपकी थाली है ..और दूसरा वे जिंदगी के गीत गाने देते नहीं ..को गाया। जनपद के कवि रमा मौसम ने एक काव्य गीत पेश की।
कार्यक्रम कर अंत में भीष्म सहनी लिखित कहानी, “अमृतसर आ गया है” का सोलो परफॉरमेंस किया गया। इसका निर्देशन रंगनिर्देशक दीपक सिन्हा ने किया। अभिनय वरिष्ठ रंगकर्मी निजय कृष्ण पप्पु कर रहे थे। साउंड ट्रेक म्यूजिक युवा रंगकर्मी यथार्थ सिन्हा के द्वारा किया गया। कार्यक्रम में भारत भूषण मिश्रा, पंकज सिन्हा, गुंजेश गुंजन और पंकज सिन्हा उर्फ झंटु के साथ साथ सोशल कल्चरल वेलफेयर सोसाइटी ने सहयोग किया। मौके पर माले जिला सचिव चंद्रदेव वर्मा, प्रमोद कुमार पूर्व जिला सचिव जिला अधिवक्ता संघ, रामप्रमोद सिंह उपाध्यक्ष जिला वकील संघ, अधिवक्ता एंतखाब आलम और जिले के कई रंगकर्मी व साहित्यकार उपस्थित थे।