न्यूज डेस्क, भोजपुर, बबलू कुमार।।
बिहार में भोजपुरी शोध एवं विकास ट्रस्ट द्वारा एक विस्तारित बैठक एवं पदभार ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया।
इस आयोजन की अध्यक्षता वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर भोजपुरी विभाग के पूर्व अध्यक्ष नीरज सिंह एवं मंच संचालन भोजपुरी शोध एवं विकास ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्ण यादव ” कृष्णेन्दु ” ने किया।
आयोजन में डॉ अरविन्द कुमार राय को राष्ट्रीय संयोजक तथा डॉ जितेन्द्र शुक्ल को राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाया गया।
समारोह को सम्बोधित करते हुए भोजपुरिया जन मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भारत सिंह सहयोगी ने कहा कि पिछले 55 बरसों से भोजपुरिया समाज भोजपुरी भाषा की संवैधानिक मान्यता की मांग कर रहा है लेकिन केन्द्र सरकार गूंगी साधे हुए हैं। अब हम लोग लड़ कर भोजपुरी भाषा की संवैधानिक मान्यता प्राप्त करेंगे।
जन अधिकार पार्टी के बिहार प्रदेश संस्कृति प्रकोष्ठ के अध्यक्ष रघुपति यादव ने कहा कि भोजपुरी भाषा के संवैधानिक मान्यता के लिए सैकड़ों संगठन काम कर रही है। लेकिन हमें एकजुट होकर आन्दोलन करना होगा।
पूर्व उपमेयर पुष्पा कुशवाहा ने कहा कि भोजपुरी भाषा के प्रति लोगों का रुझान सकारात्मक हुआ है। अब बच्चों को भोजपुरी भाषा बोलना भी सिखाया जा रहा है। आज भोजपुरिया लोग अमेरिका में भी छठ पूजा कर रहे हैं और भोजपुरी भाषा में गीत गा रहे हैं।
युवा नेता विष्णु मिश्र ने कहा कि हमारे पुरोध हमारा मार्गदर्शन करें, हम अपने मातृभाषा को संवैधानिक मान्यता दिलाने के लिए आन्दोलन करने को तैयार हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता मृतुन्जय भारद्वाज ने कहा कि हमें सभी भोजपुरिया संगठनों को एक मंच पर लाना होगा।
आक्रोश – प्रदर्शन के लिए आन्दोलन को विस्तार देने के लिए चयनित राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ जितेन्द्र शुक्ल ने कहा कि भोजपुरी वीरों की भाषा है और हमें लड़ना आता है। अगर भोजपुरी भाषा को संवैधानिक मान्यता नहीं मिलती है तो घनघोर आन्दोलन होगा। जंतर – मंतर हमारा आक्रोश – प्रदर्शन तो उस आन्दोलन का पहला आगाज़ है।
राष्ट्रीय संयोजक डॉ अरविन्द कुमार राय ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि भोजपुरी भाषा एक समृद्ध भाषा है। इसे हर हालत में संवैधानिक मान्यता मिलना ही चाहिए।
कवि राकेश कुमार ओझा ने अपने कविता के माध्यम से कहा कि भोजपुरी भाषा बोलने वाले भारत से बाहर के लोग हैं क्या ?
संचालक कृष्ण यादव ” कृष्णेन्दु ” ने अजीत दूबे जी के आलेख के हवाले से बताया कि भोजपुरी भाषा को संवैधानिक मान्यता मिलने के बाद 25 तरह से फ़ायदा होगा।
इस आयोजन के अध्यक्ष डॉ नीरज सिंह ने विस्तार पूर्वक बताया कि जोश के साथ होश से भी काम करना है। भोजपुरी भाषा का विस्तार लगातार जारी है। स्थिति निराशा जनक नहीं है लेकिन संवैधानिक मान्यता नहीं मिलने से हम कई अधिकारों से वंचित रह जाते हैं। अत हमें एकजुट होकर आन्दोलन करना होगा।
इस आयोजन में युवाओं की अच्छी भागीदारी थी। जैकी कुमार, नीरज कुमार, रोहित शर्मा, मुन्ना ओझा, संजय ठाकुर के साथ – साथ भोजपुरिया जन मोर्चा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ विनोद सिंह, बिहार प्रदेश अध्यक्ष डॉ शिलभद्र, देवेन्द्र पाण्डेय, अजीत भट्ट, जन्मेजय ओझा, संतोष श्रेयांस, जनमित्र के सचिव विजय मेहता आदि महत्वपूर्ण भोजपुरिया जन उपस्थित थे।