न्यूज डेस्क, बेगूसराय, विजय कुमार सिंह।।
लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा के शुभ अवसर पर जरूरतमंद 151 छठ व्रतियों के बीच छठ पूजन सामग्री का वितरण भारत विकास परिषद लक्ष्मीबाई शाखा सह संस्कार संस्कृति के द्वारा रतनपुर धर्मशाला में किया गया।
इस अवसर पर शाखा अध्यक्ष सरिता सुल्तानिया ने बताया कि ये कार्यक्रम विगत 10 वर्षों से शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में आपसी सहयोग से उन लोगो के लिए किया जा रहा हैं जो आर्थिक रूप से सक्षम नहीं है और जरूरतमंद हैं।
भारत विकास परिषद के उत्तर कोशी बिहार के प्रांतीय अध्यक्ष डॉ. कांति मोहन ने बताया कि इस वर्ष छठ व्रतियों के बीच स्टील टसला, कद्दू, मूली, चीनी, घी, अगरबत्ती, चना दाल, बद्दी, कटुक मशाला, गेंहू, सिंदूर, नारियल, दक्षिणा आदि का वितरण किया गया।
मौके पर मौजूद मटिहानी विधायक राजकुमार सिंह और उनकी धर्मपत्नी सुनीता सिंह ने इस कार्यक्रम की भूरी-भूरी प्रशंसा करते हुए कहा कि लोग जरूरतमंद के मदद हेतु सामने आ रहे है, ये सामाजिक सौहार्दय के लिए अच्छी पहल हैं।
वहीं पर महापौर पिंकी देवी और पूर्व महापौर संजय सिंह ने कहा अपने लिए तो सभी करते है लेकिन जो दूसरे के लिए करते है वहीं सेवा भाव से उन्हें आगे ले जाता हैं।
कार्यक्रम के मीडिया प्रमुख सह रेड रिबन क्लब के ब्रांड अम्बेसडर सुमित कुमार ने बताया कि हम सभी टीम ने मिलकर ऐसे-ऐसे जरूरतमंद लोगो की सूची बनाई जिन्हें वाकई में जरूरत था और सभी लोगों के मेहनत का फल है कि आज वैसे लोगों का चयन करके उनके बीच सभी सामान का वितरण किया गया।
वनवासी कल्याण आश्रम अध्यक्ष अशोक कुमार सिन्हा ने बताया कि देवी देव सेना की आज्ञानुसार राजा प्रियंवद ने कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ पूजा की।उन्होंने यह पूजा पुत्र प्राप्ति का कामना से की थी। छठी मैय्या के शुभ आशीर्वाद से राजा प्रियंवद को पुत्र की प्राप्ति हुई,तब से हर साल कार्तिक शुक्ल षष्ठी को छठ पूजा की जाने लगी।
रेड क्रॉस उपाध्यक्ष डॉक्टर नलिनी रंजन एवम समाज सेवी राजू सिंह ने बताया कि कहा जाता है कि षष्ठी और सप्तमी तिथि को यह सूर्य विशेष आराधना करते थे।इसके बाद से ही छठ महापर्व को मनाने की परंपरा की शुरूआत हुई। वहीं, सूर्य पुराण में देव मंदिरों का उल्लेख होने के कारण इस पूजा का विशेष महत्व माना जाता है।छठ पूजा के बारे में कहा जाता है कि यह पूरी तरीके से प्रकृति को समर्पित होता है।
डॉ. राजेश ने बताया कि इस अवसर जो आगंतुक अतिथियों के बीच जो पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य का पौधा उपहार में दिया गया वो काबिले-तारीफ हैं।
इस मौके पर आशा सिन्हा, किशोरी मिश्रा, मंजू संघई, सुधा मसकरा, वीना हिसारिया, पप्पी अग्रवाल, मंजू मसकरा, चंदा पाठक सुमित कुमार, अभिमन्यु कुमार, दिलीप सिन्हा, डॉक्टर आशीष सुमन, डॉक्टर रजनी, डॉक्टर गीता, अधिवक्ता समीर, राजेश रूंगटा सहित कई गणमान्य लोग मौके पर मौजूद थे।