बेगूसराय: ह्रदय रोग से बचने के लिए खान पान और व्यवहार में लाये बदलाव

अगर लंबी जिंदगी जीनी है तो अपने खानपान और व्यवहार में बदलाव लाना होगा। अन्यथा एक दिन ऐसा आएगा की ज्यादातर लोग हार्ट की बीमारी से ग्रसित हो जाएंगे और उनके इलाज के लिए डॉक्टर और चिकित्सा सुविधा कम पड़ जायेगी। खासकर आज के युवाओं को अपने हेल्थ खासकर स्वस्थ ह्रदय के प्रति जागरूक होना होगा। ये बातें आईएमए के सचिव सह ह्रदय रोग विशेषज्ञ डॉ. रंजन कुमार चौधरी ने कही। विश्व ह्रदय रोग दिवस के अवसर पर आइएमए द्वारा विष्णुपुर स्थित टीचर्स ट्रेनिंग स्कूल में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें उपस्थित शिक्षकों को ह्रदय रोग के लक्षण, उनका उपचार और उनसे बचाव के बारे में बताया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन आईएमए अध्यक्ष डॉ. ए के राय, डॉ. रंजन कुमार चौधरी, डॉ. सुमीत वर्मा, शिक्षिका मधुरीमा कुमारी, निरुपमा कुमारी, शिक्षक गौतम कुमार, अवनीश कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित करके किया। कार्यक्रम का संचालन आईएमए के सचिव डॉ. रंजन चौधरी ने किया। कार्यशाला में आईएमए के अध्यक्ष डॉ. ए के राय ने कहा की आज के युवा ध्रुमपान के शिकंजे में है। साथ ही स्वास्थ्य पर भी उनका ध्यान कम है उनका खानपान भी सही नहीं है जिस कारण कई युवा कम उम्र में ही ह्रदय रोग के शिकार हो रहे है। उन्हें इन सब चीजों से बचना होगा। वहीं डॉ. सुमीत कुमार ने ह्रदय रोग से बचने के लिए सुबह टहलने, ध्रुमपान न करने, अल्कोहल न लेने, तेल मशाला और चिकनाई खानों से परहेज करने, सही समय और सही भोजन लेने और टेंशन से दूर रहने की सलाह दी। साथ ही उन्होंने अपना वार्षिक चेकअप कराने को भी कहा। तभी 80% लोग ह्रदय रोग से बचे रहेंगे और लम्बा जीवन जी सकेंगे। कार्यशाला में ह्रदय रोग विशेषज्ञ डॉ. चौधरी ने ब्लैक बोर्ड पर डायग्राम के द्वारा शिक्षकों को ह्रदय के काम करने के तरीके और ब्लॉकज के कारण और उससे होने वाले दुष्परिणाम को बताया। उन्होंने अपने लाइफ स्टाइल में बदलाव लाने की भी सलाह दी। कार्यक्रम के अंत में श्री चौधरी ने लोगों को हँसने के लिए कुमार विश्वास की कविता सुनाकर लोगों को ताली बजाने पर मजबूर कर दिया।