Begusarai, Vijay kumar singh.
आज शहीद सुखदेव सिंह समन्वय समिति की ओर से सुखदेव सभागार सर्वोदय नगर में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की 56 वी स्मृति दिवस मनाई गई। जिसकी अध्यक्षता शिक्षक नेता अमरेंद्र कुमार सिंह ने कि।
इस अवसर पर अमरेन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री ने जय जवान जय किसान का नारा दिया था। भारत रत्न लाल बहादुर शास्त्री हमारे देश के ऐसे प्रधानमंत्री थे जो एक साधारण वेश में रहकर जनता की सेवा करते थे। वही प्रोफेसर आनंद वर्धन समाजसेवी जी डी कॉलेज के पूर्व शिफ्ट इंचार्ज और बेगूसराय विधान परिषद कर्मशील बाबू के पुत्र थे। जिनकी आज द्वितीय पुण्यतिथि मनाई गई। उनको शत-शत नमन।
इस अवसर पर दधिचि देह दन समिति के जिला अध्यक्ष सुशील कुमार राय ने कहा की लाल बहादुर शास्त्री हिंदू मुस्लिम एवं तमाम वर्गों को साथ लेकर देश की राजनीति को अच्छे ढंग से चलाया और 1956 में रेल मंत्री रहते हुए एक रेल दुर्घटना की जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे दिया। आज वैसे नेता धरती पर कहा ,मैं उनको शत-शत नमन करता हूं।
राजेन्द्र महती (जे पी सेनानी) ने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री जय जवान जय किसान का नारा देने वाले थे। जो भारत के द्वितीय प्रधानमंत्री थे। वैसे इंसान को समाज भूलते जा रहे हैं। 09 जून 1974 को नेहरू जी के निधन के बाद प्रधानमंत्री बने। 1965 के युद्ध में पाकिस्तान को छुपने के लिए मजबूर करने में उनकी बड़ी भूमिका थी।
प्रत्यक्ष गवाह के संपादक पुष्कर प्रसाद ने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर 1904 में हुआ और आज के दिन 1966 में उनकी मृत्यु हो गई, ऐसे महान समाजसेवी हिंदू , मुस्लिम ,सिख ,इसाई सब को एक साथ लेकर चलने वाले प्रधानमंत्री थे। ताशकंद में उन्हें सर्दी का साधारण सा उन्हीं कोट पहने देख सोवियत रूस के प्रधानमंत्री एलेक्सी कोसिगिन ने एक ओवरकोट भेंट किया था ताकि वे भीषण सर्दी का मुकाबला कर सके। लेकिन अगले दिन उन्होंने देखा कि शास्त्री जी अपना वही पुराना ओवरकोट पहना हुआ था। एवं प्रोफेसर आनंद वर्धन समाजसेवी जो मेरे अग्रज भ्राता बोलिए या प्रिय मित्र जिन्होंने कॉलेजों में छात्रों हेतु छात्र हित के लिए समाज सुधार के लिए बुद्धिजीवी व्यक्तियों के साथ मिलकर समाज को सुधारने का काम किया। इसके साथ में इन दोनों महान विभूतियों को मेरा शत-शत नमन।
इस अवसर पर बाबा जी महाराज, छात्र अनिकेत कुमार पाठक, डॉ जुल्फिकार अली, आलोक कुमार मिश्रा,ज्ञान चंद्र पाठक, मुकुल कुमार, किशन कुमार, विवेक कुमार, प्रशांत कुमार अनेकों ने उनके तैल चित्र पर माल्यार्पण किया।