बेगूसराय, विजय कुमार सिंह।।
@ समाज मे विवेकवादी बदलाव के लिए मिलकर करे प्रयास
बरौनी रिफाइनरी टाउनशिप स्थित सूरज भवन मे विवेकवादी जगत की राष्ट्रीय संयोजिका रूचि भारती से संवाद कार्यक्रम के तहत गुफ्तगू का आयोजन किया गया । इसकी अध्यक्षता वरिष्ठ लोक नर्तक सुदामा गोस्वामी ने, जबकि संचालन सेवानिवृत्त शिक्षक सह चिंतक डा भगवान प्रसाद सिन्हा ने किया।
अपने संबोधन मे गुफ्तगू की राष्ट्रीय संयोजिका रूचि भारती ने कहा कि बेगूसराय साहित्य, क्रांति व बदलाव की धरती है । बौद्धिक रूप से समृद्ध बेगूसराय मे आकर हमे काफी खुशी मिल रही है । उन्होने विषय पर बोलते हुए कहा कि बदलाव की शुरुआत परिवार से होती है । औरतो की दशा मे परिवर्तन करके ही हम विवेकवादी समाज का निर्माण कर सकते है । वैचारिक लडाइयाॅ आसान नही होती, इसके लिए अंधविश्वास से, रूढिवादिता से तथा परम्परा से तार्किक लड़ाई लड़नी पडती है। हम सब मिलकर ही विवेकवादी व वैज्ञानिक सोच को आगे बढा सकते है।
आपको बता दें कि रूचि भारती, उत्तराखंड की रहनेवाली है जोकि आस्ट्रेलिया के मेलबर्न शहर मे सरकारी नौकरी करती है तथा विभिन्न मंचो के माध्यम से भारत मे विवेकवादी सोच को आगे बढा रही है।
स्वागत भाषण करते हुए संचालक सह गुफ्तगू के प्रदेश संयोजक डा भगवान प्रसाद सिन्हा ने कहा कि अंधविश्वास से रूढिवादिता ने जन्म लिया । प्रकृति से जुड़ने पर हमे सत्य का आभास होता है । साक्षरता से जुडे हुए एस एन आजाद ने कहा कि जिज्ञासा से प्रयोग होता है, प्रयोग से परिणाम आता है, यही विज्ञान का स्वरूप है।
इस अवसर पर कवि रमा मौसम, दीनानाथ सुमित्र, मनीष कुमार तथा कवयित्री मुकुल लाल ने अपनी कविताओ के माध्यम से सामाजिक बदलाव की बात रखी।
शिक्षक अनुपमा सिंह, धनंजय कुमार व संत कुमार सहनी ने अपने अनुभवो को साझा किया । आगत अतिथियो का स्वागत प्रलेस के जिला महासचिव ललन लालित्य ने किया ।
इस अवसर पर भूतपूर्व विधान पार्षद उषा सहनी ,डा राहुल कुमार, कामिनी कुमारी , महेश भारती , मणिभूषण, राम नरेश पंडित , दीपक कुमार ने भी अपनी बात रखी । इस अवसर पर विनोद बिहारी , वागीश आनंद, राम बालक महतो , शंभू कुमार सिंह, पुष्पा कुमारी , संतोष कुमार ईश्वर, साइमा जफर , प्रगति कुमार, प्रभा कुमारी , संजीव फिरोज , अशोक कुमार, मनीष कुमार झा समेत काफी गणमान्य उपस्थित थे ।