Tue. Oct 21st, 2025

स्वामी विवेकानंद और प्रथम उपप्रधानमंत्री जगजीवन राम की स्मृति दिवस पर किए गए याद

बेगूसराय, विजय कुमार सिंह।।

स्वामी विवेकानंद की 120 विस्मृति दिवस और बाबू जगजीवन राम की 36 वीं स्मृति दिवस शहीद सुखदेव सिंह, समन्वय समिति कार्यालय, सुखदेव सभागार ,सर्वोदय नगर में मनाई गई ।जिसकी अध्यक्षता शिक्षक नेता अमरेंद्र कुमार सिंह ने की ।

अपने संबोधन में शिक्षक नेता अमरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि स्वामी जी के पास एक महान शक्ति विद्यमान थी। जिसके बल पर उन्होंने अपना जीवन पूरा कर पाने में सक्षम थे। उनका जन्म 12 जनवरी 1863 और मृत्यु आज ही के दिन 1902 में हो गई। ऐसे महान समाजसेवी, समाज सुधारक नेता को शत-शत नमन।

खासकर शिक्षक नेता अमरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि बाबू जगजीवन राम एक महान चिंतक भी थे, जिन्होंने दलित और वंचितों को राष्ट्र की मुख्यधारा में जोड़ने का जो ऐतिहासिक काम किया ,वह सदैव याद रहेगा ,और जगजीवन बाबू आज ही के दिन 1986 को निधन हो गए थे। ऐसे महापुरुष की स्मृति दिवस पर उनको शत-शत नमन।

साहित्यकार चंद्रशेखर चौरसिया ने कहा कि स्वामी जी दुर्गम पथ के अपराजय पथिक थे । उनका जीवन विडंबनाओं से भरा था। फिर भी उन्होंने पराजय स्वीकार नहीं की ,वह 39 वर्ष की अल्पकालीन जीवन में बेदाग दर्शन को शिखर तक पहुंचाया। वह सदा भारतीय सांस्कृतिक को जनमानस में सूर्य का रूप धारण कर प्रकाशित करते रहे। ऐसे महापुरुष को सत सत नमन।

इस अवसर पर अधिवक्ता राजेंद्र महती जेपी सेनानी के जिला अध्यक्ष ने कहा कि स्वामी विवेकानंद और भारत के पूर्व प्रधानमंत्री जगजीवन बाबू दोनों ही देश के लिए महत्वपूर्ण कार्य किया जिनको सदा याद करते रहेंगे।

सरोज चौधरी बजाज एलियांज के एस०एम०ओ ने कहा कि स्वामी विवेकानंद एकमात्र सन्यासी की शक्ति ही उन्हें दुर्गम पथ पर अटल रख सकी। माता भुनेश्वरी देवी ने उन्हें सलाह दी थी कि आजीवन पवित्र रहना अपने सम्मान की रक्षा करना और स्वामी जी इसी चरित्र को जीवन भर अपने साथ लेके चलते रहे , और भारत का नाम पूरे विश्व में रोशन किया। शिकागो में देश की ओर से प्रतिनिधि भेजने के बाद जब उन्होंने शून्य पर बोलना शुरू किया तो 1 सप्ताह तक बिना रुके लगातार शून्य पर भाषण देते रह गए ।ऐसे महापुरुष को सत सत नमन। खासकर बाबू जगजीवन राम बिहार के धरती के वैसे पुत्र थे जिन्होंने भारत में बिहार का नाम रोशन किया ,खासकर अंग्रेज हुकूमत के खिलाफ संघर्ष कर भारत के प्रथम उप प्रधानमंत्री बने। ऐसे महापुरुष को सत सत नमन।

छात्र नेता अनिकेत पाठक ने कहा कि स्वामी विवेकानंद और बिहार के साथ बाबू जगजीवन राम दोनों की एक साथ स्मृति दिवस सहित सुखदेव सिंह समन्वय समिति में शिक्षक नेता अमरेंद्र कुमार सिंह द्वारा मनाई गई। स्वामी विवेकानंद सन्यासी होने के बाद भी देश के लिए संघर्ष करते रहे। खासकर बाबू जगजीवन राम जी बिहार के सासाराम जिला के रहने वाले देश में नाम कमाया ,ऐसे दोनों महापुरुषों को मेरा सत सत नमन।

महिला सेल सचिव सुनीता देवी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद के वैसे धरोहर थे एक महिला ने उनसे आपने शादी का प्रस्ताव रखा और कहा कि मैं आप ही के जैसा एक पुत्र चाहती हूं तो उन्होंने कहा कि मां तुम मुझे ही अपना पुत्र बना लो। खासकर बिहार के सपूत बाबू जगजीवन राम सर जो कि सासाराम के रहने वाले थे और भारत का नाम उज्जवल किया और वह कई उच्च पद पर थे जिससे कि प्रथम भारत के उप प्रधानमंत्री भी बन रहे रेल मंत्री बने कल्याण मंत्री बने अनेक मंत्रियों के पद पर उन्हें नियुक्ति मिली थी। ऐसे महापुरुष का 5 अप्रैल 1960 को जन्म हुआ और मृत्यु आज ही के दिन 1986 को हो गई थी।

इस अवसर पर छात्रा आँचल कुमारी, ललन कुमार, कन्हैया कुमार, अनाया कुमारी अनेका ने उनके स्मृति दिवस पर उन्हें याद किया।

By National News Today

नेशनल न्यूज़ टुडे वेब पोर्टल के रूप में आप लोगों के बीच आया है। यह न्यूज़ पोर्टल "खबरें वही जो हो सही" को अक्षरसः पालन करते हुए, आपके बीच में सदैव ताजातरीन ख़बरों से अवगत कराते रहेंगे।

Related Post

You Missed