बेगूसराय, विजय कुमार सिंह।।
@ छात्र-छात्राओं की शैक्षणिक हत्या कर रही मिथिला विश्वविद्यालय प्रशासन : एबीवीपी
बेगूसराय की धरती पर लंबे अंतराल के बाद मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति एवं कुलसचिव का एक साथ आगमन होने जा रहा है। विदित हो कि एसबीएसएस कॉलेज के स्थापना दिवस समारोह में मिथिला विश्वविद्यालय के दोनों आला अधिकारी पधार रहे हैं। इस हेतु अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने आज जी डी कॉलेज में एक बैठक आयोजित कर मिथिला विश्वविद्यालय प्रशासन को छात्र हितों के प्रति गैर जिम्मेदाराना व्यवहार करने के खिलाफ आगाह किया है।
इस अवसर पर एबीवीपी के पूर्व राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य अजीत चौधरी ने कहा कि आज जिस तरीके से पूरा मिथिला विश्वविद्यालय प्रशासन केवल पैसों की लूट खसोट, डाटा सेंटर के झगड़े, नियुक्ति एवं ट्रांसफर पोस्टिंग के मामले में संलिप्त है, वह साफ इशारा कर रहा है कि विश्वविद्यालय प्रशासन को छात्र हितों से कोई लेना देना नहीं है क्योंकि विगत कई महीने से स्नातक एवं स्नातकोत्तर के कई सत्र के छात्र – छात्रा परीक्षा परिणाम के इंतजार में बैठे हुए हैं और विश्वविद्यालय प्रशासन इस बात को लेकर थोड़ी भी चिंतित नहीं है।
राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य आलोक कुमार और प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य अभिगत कुमार ने कहा कि मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति यदि व्यवस्थात्मक सुधार पर ध्यान दें तो छात्र छात्राओं का कल्याण होगा। उन्हें राजभवन की चाटुकारिता करने के बजाए छात्र हितों के मुद्दों पर सभी संबंधित हित समूह से बात कर मामले को सुलझाना चाहिए।
नगर मंत्री पुरुषोत्तम कुमार एवं प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य दिव्यम कुमार ने कहा कि बेगूसराय जिले के कई महाविद्यालय में स्थाई प्राचार्य नहीं है, हम यह मांग करते हैं कि जिले के सभी महाविद्यालयों में स्थाई प्राचार्य की नियुक्ति हो, साथ ही कई महाविद्यालय में सेवानिवृत्त अकाउंटेंट को अकाउंटेंट के पद पर रखा गया है। जो महाविद्यालय के लिए आर्थिक अराजकता का द्योतक है। उन सभी महाविद्यालयों में स्थाई रूप से अकाउंटेंट की बहाली की जाए ताकि आर्थिक कार्यों में पारदर्शिता आ सके।
साथ ही कुलपति महोदय से यह मांग है कि सभी महाविद्यालयों में विगत 5 वर्षों के आमदनी एवं खर्च का शीघ्र ऑडिट कराया जाए तथा शैक्षणिक क्रियाकलाप की निरंतर निगरानी विश्वविद्यालय के इमानदार पदाधिकारियों के द्वारा किया जाए एवं दोषी कर्मियों पर शीघ्र कार्रवाई की जाए ताकि विश्वविद्यालय की प्रशासनिक एवं आर्थिक अराजकता समाप्त हो।
जिला एसएफडी प्रमुख अंशु कुमार एवं ध्रुव कुमार ने कहा कि आज हजारों छात्र- छात्रा परीक्षा परिणाम के इंतजार में अपना जीवन बर्बाद कर रहे हैं। वे कई प्रतियोगिता परीक्षा के फॉर्म भरने से वंचित हो रहे हैं। यहां तक की विगत सत्र में मिथिला विश्वविद्यालय से स्नातक उत्तीर्ण छात्र छात्रा मूल अंक पत्र नहीं रहने के कारण B.Ed का फॉर्म नहीं भर पा रहे हैं जबकि इसी विश्वविद्यालय को बिहार B.Ed का नोडल विश्वविद्यालय बनाया गया है। इससे अधिक हास्यास्पद बात क्या हो सकती है।
मौके पर अनीस कुमार, रौशन कुमार, सत्यम कुमार, अंकित सहित कई कार्यकर्ता उपस्थित थे।