बेगूसराय, विजय कुमार सिंह।।
वंचितों के मसीहा, भारतीय संविधान के निर्माता, कुशल राजनैतिक और महान शिक्षाविद बाबा भीमराव अंबेडकर की 131 वी जयंती शहीद सुखदेव सिंह सहायता समिति कार्यालय में मनाई गई। जिसकी अध्यक्षता शिक्षक नेता अमरेंद्र कुमार सिंह ने की।
अपने अध्यक्षीय संबोधन में शिक्षक नेता अमरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि हिंदू धर्म की कुरीतियों से तंग आकर उन्होंने बौद्ध धर्म को अपना लिया था । उनका जन्म आज ही के दिन 14 /04/1891 में एक अछूत गरीब परिवार में हुआ था। और उनकी मृत्यु 6 दिसंबर 1956 में हो गई । ऐसे महान, भारत के सान , समाज सुधारक को शत-शत नमन। खासकर आज ही के दिन संयुक्त राष्ट्र अमेरिका ने अंबेडकर के जन्मदिन पर विश्व शिक्षा दिवस की घोषणा की। ऐसे महान सपूतों को शत शत नमन।
इस अवसर पर साहित्यकार डॉक्टर चंद्रशेखर चौरसिया ने कहा कि बाबा भीमराव अंबेडकर का जन्म दबे कुचले लोगों की सहायता के लिए हुआ था। ऐसे संविधान निर्माता को शत-शत नमन।
देहदान समिति के जिला अध्यक्ष सुशील कुमार राय ने कहा कि बाबा भीमराव अंबेडकर 20 वीं सदी के महान समाज सुधारक थे। उन्होंने सत्ता में नहीं, व्यवस्था में परिवर्तन के लिए आवाज उठाते थे। ऐसे महान समाज सुधारक संविधान निर्माता को सत सत नमन।
छात्रा आंचल कुमारी ने कहा कि अंबेडकर किसी व्यक्ति का नाम नहीं बल्कि वह क्रांति थे।
इस अवसर पर महिला सेल की सचिव सुनीता देवी ने कहा कि भीमराव अंबेडकर, राजेंद्र प्रसाद दोनों ने मिलकर संविधान का अच्छा पालन किया। जिसके चलते देश अभी एक जूट है। ऐसे महान समाज सुधारक नेता को शत-शत नमन।
इस अवसर पर अधिवक्ता जेपी सेनानी राजेंद्र महतो, शंकर शाह, कृष्ण देव पासवान अनेकों ने उनको याद किया।