बछवाडा़ ::~
Rakes yadav:-
वर्तमान समय में समुचे देश में चौकीदार बनने की होर लगी है। जिसके कारण चौकीदार के मायने हीं बदल गये हैं। मगर गांवों के असली चौकीदार एवं उसके परिवार पर गौर किया जाए तो वे खुद को चौकीदार होना गाली के समान मानने लगे हैं।
उनकी कोई सुनता तक नहीं है। मदद के लिए वरीय अधिकारियों का दरवाजा खट-खटाने को विवश होना पड़ता है।
आलम यह है कि FIR की अरजी स्वीकार करने की जगह फटकार नसीब होता है।
यह घटना कहीं और की नहीं बल्कि बेगूसराय के बछवाडा़ थाने में देखने को मिला है। थाना क्षेत्र के नारेपुर निवासी विन्देश्वर यादव (चौकीदार) का पुत्र संजीत कुमार जो दो जून की रोटी की खातिर ट्रक खलासी का काम करता है। युवक ने अपनी आपबीती सुनाते हुए थाने पर मौजूद सअनि अरबिन्द को बताया कि 27 मार्च को वह चौकीदार पुत्र जीरोमाईल की तरफ से वापसी के क्रम में आ रहा था। इसी क्रम में घंटों पुर्व से हीं उसे शौच की तलब लगी थी। वह एनएच 28 पर गोधना गांव के समीप ड्राइवर को ट्रक साईड कर खडे़ करने को कहा। तत्पश्चात उसने शौच जाने हेतु बोतल में पानी लेकर बांध की तरफ जा रहा था। तभी अचानक सात-आठ की संख्या में अज्ञात युवक आ धमके। और अचानक हीं हमला बोलते हुए लात-घुसे से पिटाई शुरु कर दी।
पिटाई के दरमियान ही युवकों ने पिस्तौल दिखाकर जान मारने की धमकी देते हुए संजीत के जेब में रखा नगद रूपये एवं मोबाईल फोन जबरन छीन लिया।
इस वारदात के क्रम में संजीत ने पैंट में हीं शौच कर दिया।
घटना के अगले दिन चौकीदार पुत्र ने बछवाडा़ थाना पहुंचकर सारी आपबीती वहां मौजूद एएसआई अरबिन्द को बताया।
आपबीती सुनने के पश्चात उक्त एएसआई ने आवेदन लिखकर मांगा।
चौकीदार पुत्र संजीत ने जब आवेदन लिखकर दिया तो एएसआई बिदक गये। उन्होंने कहा की सनहा लिखकर लाओ और ये भी लिखो की मोबाईल कहीं गिरकर खो गया।
इसपर संजीत आवेदन बदलने की बात ठुकराते हुए उचित घटना पर हीं कार्यवाई करने को बार-बार निवेदन करता रहा।
अंत मे उक्त एएसआई ने चौकीदार पुत्र संजीत को गाली-गलौज करते हुए भगा दिया।
उपरोक्त सभी वारदातों के बाद संजीत ने जिला पुलिस कप्तान एवं डीजीपी पटना को ऑनलाइन शिकायत किया है। मामले की शिकायत पर टोकन संख्या 201903280036 जारी करते हुए आवेदन स्वीकार कर लिया गया है।
अब संजीत को सही न्याय मिलने की आशा जगी है। वह चाहता है कि कानून उस अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा दे।