बेगूसराय, विजय कुमार सिंह।।
शहीद सुखदेव सिंह समन्वय समिति के तत्वधान में लौह पुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल की 71वीं स्मृति दिवस बेगूसराय के ह्रदय स्थाली पटेल चौक उनके आदम-कद प्रतिमा पर मनाई गई। जिसकी अध्यक्षता समिति के सचिव नेता अमरेंद्र कुमार सिंह ने की।
अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि सरदार बल्लभ भाई पटेल भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के शीर्ष नेता थे। उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन देश की सेवा में समर्पित कर दी। ऐसे महान विभूति को शत शत नमन करते हुए कहना चाहता हूं की भारत के प्रथम गृह मंत्री थे। उन्होंने 600 से अधिक देशी रिहासतों को एकत्रित कर देश को अखंड राष्ट्र बनाया। महानता को शत शत नमन।
इस अवसर पर साहित्यकार चंद्रशेखर चौरसिया ने कहा कि सरदार पटेल देश के अद्वितीय नेता थे। उनका विचार था कि किसी काम को दायित्व पूर्ण ढंग से किया जाए ताकि देश एकता के सूत्र में बंध जाए। ऐसे महान नेता को सत सत नमन।
दधिचि देहदान समिति के जिला अध्यक्ष सुशील राय ने कहा कि सरदार पटेल को किसान आंदोलन की सफलता पर गांधी जी ने उन्हें सरदार की उपाधि से नवाजा था। विलक्षण प्रतिभा के धनी थे।
डॉ सिद्दीकी ने कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 में हुआ था और मृत्यु आज ही के दिन 1950 में हो गया। सरदार पटेल ने 9 नवंबर 1950 को दयानंद निर्वाण दिवस के दिन भाषण देते समय चीनी आगमन की संभावना व्यक्त की। और 12 दिसंबर को स्वस्थ परिवर्तन के लिए मुंबई गए।
इस अवसर पर छात्र नेता विकास कुमार ने पटेल जी पर अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा की सरदार पटेल को भारत का लौह पुरुष कहा जाता है। … इस सबसे भी बढ़कर उनकी ख्याति भारत के रजवाड़ों को शान्तिपूर्ण तरीके से भारतीय संघ में शामिल करने तथा भारत के राजनीतिक एकीकरण के कारण है। पटेल ने भारतीय संघ में उन रियासतों का विलय किया जो स्वयं में सम्प्रभुता प्राप्त थीं। उनका अलग झंडा और अलग शासक था।
इस अवसर पर राजेंद्र महतो अधिवक्ता, जेपी सेनानी, राम उदगार चौधरी (पूर्व सचिव माध्यमिक शिक्षक संघ), गोपाल कुमार, आदित्य सिंह, विकास कुमार अधिवक्ता, धर्मवीर शर्मा, डॉ एस. के ठाकुर, अनेकों ने भारत के प्रथम गृह मंत्री केदार पटेल को नमन किया।