बेगूसराय, विजय कुमार सिंह।।
राष्ट्रीय प्रेस दिवस का 55 वा स्थापना दिवस शहीद सुखदेव सिंह समन्वय समिति के तत्वाधान में सर्वोदय नगर स्थित सुखदेव सिंह सभागार बेगूसराय में मनाया गया। जिसकी अध्यक्षता शिक्षक नेता अमरेंद्र कुमार सिंह ने की।
अध्यक्षीय संबोधन में शिक्षक नेता अमरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि प्रेस की आजादी को छीनने वालों यह नहीं जानते कि भारत के राष्ट्रीय आंदोलन में प्रेस और अखबारों की कितनी भूमिका रही है। प्रेस ने अपनी आजादी के कारण अंग्रेजी हुकूमत की नींद हराम कर दी।
श्री सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय प्रेस दिवस की स्थापना 4 जुलाई 1 966 को की गई, यह दिवस भारत की स्वतंत्रता की रक्षा एवं पत्रकारिता में उच्च आदर्श कायम करने के लिए जीत और परिश्रम कर रहा है।
प्रेस वाले आम जनों की बातों को मजबूती से अपनी जान जोखिम में डालकर लिखते हैं। दुर्घटना बीमा सरकार की तरफ से सारे प्रेस वालों को दिया जाए।
प्रेस दिवस पर इंजीनियर आलोक कुमार ने कहा कि आज दूषित और विषैली विचारधाराओं पर प्रेस को लगाम लगाने की जरूरत है। तभी असहिष्णुता के माहौल पर लगाम लगाया जा सकता है, इसके लिए प्रेस को अपने स्तर से स्वतंत्र भाव से लिखना चाहिए।
छात्र अनिकेत कुमार पाठक ने कहा कि आज के इस तकनीकी युग में मीडिया की भूमिका अहम हो जाती है। प्रेस और सशक्त बने इसके लिए संघर्ष करने की आवश्यकता है।
साहित्यकार डॉ चंद्रशेखर चौरसिया ने राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर विस्तार से बोलते हुए कहा कि जिन मूल्यों और उद्देश्यों के लिए 16 नवंबर 1966 को भारतीय प्रेस परिषद ने अपना कार्यभार संभाला। उद्देश्यों की पूर्ति के लिए आज के युवा पत्रकारों को आगे आने की जरूरत है तभी प्रेस की पारदर्शिता आम लोगों के बीच जाएगी।
इस अवसर पर डॉ शैलेंद्र कुमार सिंह जेपी सेनानी, महिला से सचिव सुनीता देवी, किन का नाम दधिचि देहदान समिति के अध्यक्ष सुशील कुमार राय, शिक्षक विकास सिन्हा ,राजेंद्र महतो अधिवक्ता, खुशी सिंह, ज्ञान चंद्र पाठक, अभिषेक पाठक एवं अन्य लोगों ने अपने अपने विचार व्यक्त किए।