बलिया, बेगूसराय, सैयद नोमानुल हक हुसैनवी।।
बिहार सरकार शिक्षा व्यवस्था पर लगातार दावे करती है लेकिन क्या है सच्चाई, यह बलिया के शिक्षकों के द्वारा देखी जा रही है।
दरअसल बलिया के उत्क्रमित मध्य विद्यालय शास्त्री नगर के प्रधानाध्यापक रामटहल शर्माजी ने मीडिया से कुछ भी बताने से इंकार कर दिया। वह बार-बार कैमरे को बंद करने के लिए कहते दिखे। वहां शिक्षकों को बरामदे पर मटरगश्ती करते हुए देख पत्रकार ने पूछा सर यह सभी शिक्षक बच्चों को पढ़ाते हैं या यूं ही समय बिताते हैं। समय 11:03 मिनट हो चुके थे। तभी दो शिक्षिका ई-रिक्शा से उतरती है।
तभी उनको प्रधानाध्यापक कहते हैं मीडिया से आए हैं जल्दी क्लास में जाइए। प्रधानाध्यापक रामटहल शर्मा जी बार-बार कैमरे को बंद करने को कहते हैं। शिक्षकों के ध्यान नहीं देने के कारण बच्चे विद्यालय में 11:00 बजे तक खेलते दिखाई दिए।
मीडिया कर्मी ने प्रधानाध्यापक से बच्चे के शिक्षा के विषय में पूछने पर जवाब में उन्होंने कहा इसी तरह चलता है सर बैठये बैठ कर बात करते हैं। परंतु मीडिया कर्मी ने पूछा कि सर चलिए जरा बच्चों से पूछा जाए क्या शिक्षक पढाते हैं भी है या नही, प्रधानाध्यापक ने कहा बैठये न कहा जाइएगा बैठये। तभी मीडिया कर्मी कक्षा में गए, जो वर्ग 8 की क्लास थी। केवल 5 छात्र उपस्थित दिखे।
मैंने प्रधानाध्यापक से पूछा कुछ सवाल बच्चो से पूछ सकता हु तो उन्होने कहा पुछये मैने वर्ग 8 के छात्र से अंगेजी मे 40 को क्या कहते है। छात्र चुप फिर मैने कहा फोर्टी कहते है इसकी स्पेलिंग कोई भी छात्र नही बता पाए, वही एक छात्र अंग्रेजी लिख रहे थे तो मैने उसे कहा पोयम याद है तो छात्र कहता है पोयम किस को कहते है। तभी मैंने पूछा शिक्षक आप लोगो शिक्षा देते है पीछे से शिक्षकों का इशारा दिखा बोलो हां पढ़ाते हैं।
इस संदर्भ में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी बलिया से संपर्क किया तो उन्होने कहा कि शिक्षकों की कमी भी है और कुछ कमियां है। जो सरकार भी ध्यान नहीं दे रही। तो मैंने पूछा कि ठीक है शिक्षक की कमी हो सकती है लेकिन जो भी शिक्षक हैं वह सही शिक्षा क्यों नहीं दे रहे हैं। बच्चो के भविष्य के साथ खिलवाड़ क्यों?
उन्होंने स्वीकार किया कमियां है सुधारने की कोशिश की जाएगी। परंतु क्या इस तरह कह देने से बिहार का शिक्षा व्यवस्था सही हो जाएगा?