बेगूसराय, विजय कुमार सिंह।।
शहीद सुखदेव सिंह समन्वय समिति के द्वारा भूदान आंदोलन के प्रणेता विनोबा भावे की 126 वी जयंती सम्मान पूर्वक सर्वोदय नगर सुखदेव सभागार में मनाई गई। जिसकी अध्यक्षता शिक्षक नेता अमरेंद्र कुमार सिंह ने की।
अध्यक्षीय संबोधन में शिक्षक नेता अमरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि विनोबा भावे 20 वी सदी के महान संत थे। यही कारण है कि गांधी जी ने विनोबा भावे को प्रथम सत्याग्रही माना था। उनका जन्म आज ही के दिन 1895 ईसवी में महाराष्ट्र के कुलावा जिले के गागोदा ग्राम में हुआ था तथा उनकी मृत्यु 15 नवंबर 1982 को हो गई थी।
भूदान आंदोलन के मसीहा विनोबा भावे को संपूर्ण देश उनको किसान नेता मानते थे। ऐसे महापुरुष को सत सत नमन।
इस अवसर पर डॉ चंद्रशेखर चौरसिया ने कहा कि विनोबा भावे महान विचारक, सुविख्यात लेखक एवं विद्वान थे। जिन्होंने अनेक लेख लिखने के साथ सांस्कृतिक भाषा को आम जनमानस के लिए सहज बनाने का काम किया।
इस अवसर पर दे दान समिति के अध्यक्ष सुशील कुमार राय ने कहा कि विनोबा भावे गरीबों के मसीहा थे। जिन्होंने अमीरों से जमीन लेकर गरीबों के बीच बांटने का मुख्य लक्ष्य था। जिसके कारण विनोबा भावे हमारे भारत के किसान नेता थे।
इंजीनियर आलोक कुमार ने कहा कि विनोबा भावे तत्कालीन भारतीय आम जनमानस के जान थे। देशवासियों को समर्पित कर दिया था। उन्होंने 1951 में भूदान आंदोलन प्रारंभ किया था। उनका मूल्य उद्देश्य अहिंसा तरीके से देश में सामाजिक परिवर्तन लाना था। वे बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे।
इस अवसर पर महिला सेल के सचिव सुनीता देवी ने कहा कि स्वाधीनता आंदोलन के उपरांत विनोबा भावे को भारत का राष्ट्रीय अध्यापक और गांधी जी का आध्यात्मिक उत्तराधिकारी समझता था। गांधी जी ने उनका नामकरण विनोबा भावे रखा था।
इस अवसर पर डॉ ललिता कुमारी, राजेंद्र महतो अधिवक्ता जेपी सेनानी, ज्ञान चंद्र पाठक, अनाया कुमारी, विकास कुमार अधिवक्ता, अनेकों ने किसान नेता विनोबा भावे को नमन किया है और इनके तैल चित्र पर माल्यार्पण की।