Thu. Apr 24th, 2025

भये प्रकट गोपाला मंत्र से गुंजा मन्दिर,गांव-गांव में फोड़ी गई मटकी , श्रीधर बाबा आश्रम हुआ भव्य आयोजन ,

भये प्रकट गोपाला मंत्र से गुंजा मन्दिर,गांव-गांव में फोड़ी गई मटकी , श्रीधर बाबा आश्रम हुआ भव्य आयोजन ,

समाचार संपादक – चंद्र प्रकाश राज ,

रिपोर्ट –  मुरारी स्वामी ,

गड़खा। भए प्रगट गोपाला मंत्र से रात्रि में गूंज उठा मंदिर….! भगवान कृष्ण के जन्म की प्रतीक्षा में सुबह से भक्तों की नयन इंतजार में लगी थी। रात्रि के  जैसे ही 12:00 बजे घर-मठ मन्दिर और देवालयों में भगवान श्री कृष्ण का प्रकटोंत्सव मनाया गया।शंख , घण्टी के ध्वनि के मंत्र और स्तुति से पूजा की गई। श्रीधर बाबा मठिया सह राधे कृष्ण मंदिर सरायबक्स में नौ दिवसीय अखंड अष्टयाम का आयोजन किया गया। जिसमें विभिन्न गाँवो से श्रद्धालु भक्तों व व्यास आकर हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे।हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे।। महामंत्र को अलग-अलग धुनों पर गाकर माहौल को भक्तिमय बना रहे हैं।आसपास के गांवों के महिला पुरुष और श्रद्धालु भक्तों को मंदिर में पूजा करने के लिए भीड़ लग रही है।आयोजक श्रीधर बाबा के शिष्य मुरारी स्वामी ने बताया कि नौ दिवसीय अष्टयाम की आठ सितम्बर को पूर्णाहुति होंगी।सन्त श्रीधर दास जी महाराज ने कहाकि श्रीकृष्ण की जन्म कथा सुनने से सभी दुःख रोग व्याधि दूर हो जाती हैं।भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव का वर्णन करते हुए गुरुदेव ने कहा कि द्वापर युग में राजा उग्रसेन मथुरा में राज करते थे। उग्रसेन का पुत्र कंस व पुत्री देवकी थीं। देवकी का विवाह वासुदेव से हुआ। जब कंस अपनी बहन देवकी को उसके ससुराल पहुंचाने जा रहा था, तो रास्ते में आकाशवाणी हुई- ‘ हे कंस, जिस देवकी को तू बड़े प्रेम से ले जा रहे हो , उसी में तेरा काल बसता है। इसी के गर्भ से उत्पन्न आठवां बालक तेरा वध करेगा। उसके बाद उसने वसुदेव और देवकी को कारागृह में डाल दिया। वासुदेव-देवकी के एक-एक करके छः बच्चे हुए और सभी को जन्म लेते ही कंस ने मार डाला।सातवां बच्चा रोहणी के गर्भ में चला गया।जिससे बलराम जी का अवतार हुआ।अब आठवां बच्चा होने वाला था। कारागार में उन पर कड़े पहरे बैठा दिए गए। उसी समय नंद की पत्नी यशोदा को भी बच्चा होने वाला था। वासुदेव-देवकी को पुत्र पैदा हुआ, उसी समय संयोग से यशोदा के गर्भ से एक कन्या का जन्म हुआ, जो और कुछ नहीं बल्कि योग माया थी।जिनका पूजन विंध्यांचल पर्वत पर माता के रूप में किया जाता है। इधर वासुदेव की पत्नी देवकी के गर्भ से भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म लिया।श्रीधर बाबा ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने अपने बाल्यकाल में अनेक लीला की हैं। श्रीकृष्ण की प्रत्येक लीला दिव्य है ।

Related Post

You Missed