वीरपुर, बेगूसराय।।
वीरपुर प्रखंड के उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय पर्रा के प्रधानाध्यापक मनोज कुमार झा द्वारा संपादित पुस्तक ”बचपन की फुलवारी ”का लोकार्पण सह परिचर्चा कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ आलोचक एवं मार्क्सवादी चिंतक डॉक्टर भगवान प्रसाद सिन्हा ने की। संचालन जनकवि दीनानाथ सुमित्र ने किया। पुस्तक के संपादक मनोज कुमार झा ने बताया कि इस पुस्तक को संपादित करने की प्रेरणा पूर्व में ज्ञान विज्ञान आंदोलन एवं साक्षरता आंदोलन में सक्रिय भागीदारी से मिली। उन्होंने बताया कि इससे पूर्व भी बेगूसराय से प्रकाशित बाल पत्रिका विकल्प का भी संपादन की जा चुकी है।
अपने अध्यक्षीय भाषण में भगवान प्रसाद सिन्हा ने कहा कि बाल साहित्यकार का दायित्व केवल मनोरंजन करना नहीं बल्कि बच्चों के समक्ष एक आदर्श प्रस्तुत करना भी है। ताकि बच्चे उससे प्रेरणा ग्रहण कर सके।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए दीनानाथ सुमित्र ने कहा कि बाल साहित्य का महत्व संपूर्ण विश्व साहित्य में है। बच्चों के लिए कविता तो मां के दूध से भी महत्वपूर्ण मानी जानी चाहिए। उन्हें सुंदर आवरण के लिए गरिमा सक्सेना की भूरी भूरी प्रशंसा की।
पुस्तक पर परिचर्चा करते हुए कविता कोश के उपनिदेशक राहुल शिवाय ने कहा कि आज के समय में अच्छी बाल कविताएं बहुत कम लिखी जा रही है। यह पत्रिका मील का पत्थर साबित होगी।
गीतकार रंजन झा ने इस पुस्तक कि साज सज्जा को बालमन के आकर्षण का केंद्र बताया। कवयित्री रूपम झा ने कहा कि विभिन्न आयु वर्ग के बच्चों के लिए यह पुस्तक उपयोगी होगी।


