बेगूसराय, विजय कुमार सिंह।।
क्रांतिकारी नागार्जुन की 110 वीं जयंती शहीद सुखदेव सिंह समन्वय समिति द्वारा सुखदेव नगर, सर्वोदय नगर स्थित सुखदेव सभागार में मनाई गई। जिसकी अध्यक्षता शिक्षक नेता अमरेंद्र कुमार सिंह ने की। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि हिंदी व मैथिली साहित्य के आधुनिक काल में प्रगतिशील धारा के प्रमुख रचनाकार बाबा नागार्जुन के काव्य एवं कथा साहित्य में समान रूप से योगदान रहा है। उदारवादी व्यक्तित्व, राष्ट्रवादी रचना और सामाजिक संघर्ष चिंता के कारण उन्हें आधुनिक कबीर का सम्मान प्राप्त हुआ है।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि नगर निगम के पूर्व मेयर आलोक कुमार अग्रवाल ने कहा कि कबीर का सम्मान पाने वाला बाबा नागार्जुन स्वाधीन भारत के प्रतिनिधि जनकवि के रूप में पहचाने जाते हैं। उनका मूल नाम वैद्यनाथ मिश्र था। मैथिली साहित्य में यात्री जी नाम से लिखते थे। उनकी रचनाओं में मिथिला का गांव घर रक्त वाहिनी शेरों की तरह फैला हुआ है।

इस अवसर पर फिल्म अभिनेता यमयकश्यप ने कहा कि बाबा नागार्जुन का जन्म दरभंगा बिहार में हुआ था। उनका वास्तविक नाम बैजनाथ मिश्र था। जो प्रगतिशील लेखक और कवि थे।
इस अवसर पर बबलू आनंद कलाकार जिला अध्यक्ष कला मंच ने कहा कि बाबा नागार्जुन रूढ़िवादी विचारधारा के घोर विरोधी थे। उन्होंने अपनी सपाट काव्य रचनाओं के माध्यम से तत्कालीन भारतीय समाज का चित्र खींचा है। वह कबीर की तरह ही अपनी रचनाओं में व्यंग भरा करते थे।
इस अवसर पर साहित्यकार डॉ चंद्रशेखर चौरसिया ने कहा कि बाबा नागार्जुन प्रतिमा के धनी साहित्यकार थे। वह जनमानस कवि और विचार से मार्क्सवादी थे।
इस अवसर पर इंजीनियर आलोक कुमार ने कहा कि नागार्जुन बिहार की धरती से जुड़े हुए स्वतंत्रा सेनानी ने अपनी कविताओं के माध्यम से बिहार की जनता को प्रेरणा देते हैं।
इस अवसर पर जेपी सेनानी के जिला अध्यक्ष राजेंद्र महतो, अधिवक्ता महिला सेल सचिव सुनीता देवी, खुशी सिंह, अनाया गौतम, छात्र अनिकेत कुमार पाठक, सुशील कुमार राय देहदान समिति आदि ने अपना विचार व्यक्त किया।
इस समारोह में सम्मानित किए गए व्यक्तियो में मंजू देवी शिक्षिका जो नागार्जुन की पुत्री, फिल्म कलाकार एवं संगीतकार बबलू आनंद को सम्मानित किया गया।

