बेेेेेेगूसराय, विजय कुमार सिंह। सुखदेव सिंह समन्वय समिति के तत्वाधान में सर्वोदय नगर स्थित सुखदेव सिंह सभागार में राष्ट्रीयता के अमर गायक माखनलाल चतुर्वेदी की 122 वी जयंती मनाई गई । जिसकी अध्यक्षता शिक्षक नेता अमरेंद्र कुमार सिंह ने की अध्यक्ष संबोधन में उन्होंने कहा कि माखनलाल चतुर्वेदी का जन्म आज ही के दिन 1889 ईस्वी में हुआ था। मध्यप्रदेश के होशंगाबाद में हुआ था। वह देश सेवा और साहित्य सेवा में इतने मशहूर थे कि मध्य प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री बनने का प्रस्ताव को ठुकरा दिया और कहा कि मैं पहले से देवगुरु हूं देवराज बनू क्यों । उन्हें साहित्य अकादमी व पदम भूषण की उपाधि से सम्मानित किया गया। उनकी मृत्यु 30 जनवरी 1968 ईस्वी को हो गई।
इस अवसर पर विस्तार से चर्चा करते हुए साहित्यकार व आलोचक डॉ चंद्रशेखर चौरसिया ने कहा कि हिंदी साहित्य आकाश में सूर्य की भांति चमकने वाले कवि व साहित्यकार माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीयता के अमर गायक हैं। उन्होंने साहित्य सृजन में युगीन परंपरा का को स्थापित किया है। भारतीय सभ्यता और संस्कृति को सहेज कर काम में रूपांतरित करने की अद्भुत कला माखनलाल चतुर्वेदी को ही प्राप्त है। हिंदी साहित्य के इतिहास में भारतेंदु हरिश्चंद्र के बाद पहले राष्ट्र कवि हैं। उनकी कविता पुष्प की अभिलाषा, दिग दिगंतर तक अमर रहेगा।
विशिष्ट अतिथि वह फिल्म अभिनेता अमिय कश्यप ने कहा कि माखनलाल चतुर्वेदी एक ही साहित्य में कई विधाओं के विधाता थे। शिक्षक, लेखक ,कवि, साहित्यकार व पत्रकार के रूप में ख्याति लभध है।भेज दिया ऐसे महान पुरुष को मेरा शत-शत नमन।
इस अवसर पर महिला सेल सचिव सुनीता देवी, जेपी सेनानी प्रदेश महासचिव डॉक्टर शैलेंद्र कुमार सिंह, छात्र अनिकेत कुमार पाठक, दिव्यांशु कुमार, अनाया कुमारी,आसमा कुमारी आदि ने माखनलाल चतुर्वेदी के तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित की और उन्हें याद किया।