बेगूसराय, विजय कुमार सिंह।
पहली अप्रैल 2021 को बी एस एस आर यूनियन ने अपनी अखिल भारतीय कार्यक्रम के तहत चार श्रम संहिताओं, जो आज से लागू होने के लिए केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित है, के विरुद्ध उसके प्रतिलिपि को जलाकर अपना विरोध प्रकट किया।इस अवसर पर सभा की अध्यक्षता करते हुए राकेश कुमार ने इस मजदूर विरोधी श्रम संहिता के दुष्प्रभाव के बारे में बताया।अपनी बात रखते हुए राज्य उपाध्यक्ष आर एस रॉय एवं अजय कुमार ने नए श्रम संहिता से मजदूरों का और शोषण बढ़ेगा, जैसे तीन सौ से कम मजदूर जहाँ काम करते हैं वहाँ प्रबंधन कभी भी काम बंद कर सकता है, जो मजदूरों के साथ सरासर अन्याय है।
:- जैसे काम के घंटे को एकतरफा 8से बढ़ाकर 12 घंटे करना।
:-आज के दिन में न्यूनतम मजदूरी क्या होगा, उहापोह की स्थिति पैदा करना।
:-शोषण के खिलाफ हड़ताल के अधिकार को छीनना।
:- 1926 से चले आ रहे ट्रेड यूनियन बनाने के अधिकार में अड़ंगा लगाना।
:-शोषण के खिलाफ मजदूर कौन से न्यालय या श्रम विभाग की क्या शक्तियां रहेगी, असमंजस की स्थिति बनाना।
:- नए संहिता द्वारा 1976 से चले आ रहे spe act एवं इसके अधिकांश धाराओं को समाप्त करना।
:-नियमित रोजगार के बदले फिक्स्ड टर्म एमलोयमेंट को लागू करना।
:- वर्षों से लागू सामाजिक सुरक्षा को समाप्त करना, आदि बहुत सारे माँग शामिल है।
सभा में अन्य लोगों के अलावा सीटू के राज्य सचिव सुरेश प्रसाद सिंह ने सरकार की कॉरपोरेट परस्ती एवं निजीकरण की नीति की आलोचना की।
अन्य लोगों के अलावा आज के सभा में मृत्युंजय कुमार, मोहम्मद शाकिर, जयराम तिवारी, अमर नाथ झा, एस आर सिन्हा, अमरेन्द्र कुमार, प्रवीण कुमार, ब्रजेश कुमार एवं अल्लाउद्दीन लश्कर के साथ कई स्थानीय सदस्यों ने भाग लिया एवं शपथ लिया कि केंद्र सरकार के मजदूर विरोधी संहिता के खिलाफ तबतक लड़ते रहेंगें, जबतक सरकार इसे वापस नहीं ले।