छौड़ाही (बेगूसराय) ::–
@ बीएओ ने दो दिन बाद भाजपा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष समेत चार नेता पर दर्ज कराया एफआईआर।
छौड़ाही (बेगूसराय)- आदर्श प्रखंड परिसर में बीते 25 दिसंबर को अटल जयंती व पीएम किसान सम्मान निधि योजना के लाइव बेवकास्टिंग कार्यक्रम के बाद बीएओ के खिलाफ ई किसान भवन के समक्ष धरना-प्रदर्शन करना चार भाजपा नेताओं को भारी पड़ गया।
देर सवेर ही सही बीएओ रामकिशोर शर्मा ने दो दिन बाद भाजपा नेताओं पर मारपीट कर जान से मारने की धमकी देने, सरकारी कार्य में बाधा डालने, कार्यालय के कागजात को क्षति पहुंचाने का गंभीर आरोप लगाया है। छौड़ाही ओपी में दर्ज कराए एफआईआर के अनुसार बीएओ ने कहा है कि पीएम के लाइव कार्यक्रम के बाद भाजपा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष रामकुमार वर्मा, महामंत्री धर्मेन्द्र प्रसाद सिंह, भाजपा मंडल अध्यक्ष संजीव कुमार यादव तथा भाजपा अल्पसंख्यक नेता अरसे आजम प्रखंड कृषि कार्यालय आकर मारपीट की एवं जान से मारने की धमकी देने लगे।
बीएओ ने आगे कहा है कि कृषि निदेशक पटना द्वारा 7 नवंबर 2019 तथा 22 दिसंबर 2020 को डीएओ के आदेशानुसार खरीफ 2019-20 में बाढ/अतिवृष्टि के कारण प्रभावित फसलों के इनपुट अनुदान योजना के पुनर्विचार हेतु प्राप्त आवेदनों के सत्यापन का आदेश प्राप्त हुआ। जिसमें मेरे द्वारा किसान सलाहकार को साक्ष्य इकट्ठा करने हेतु निर्देशित भी किया गया। कुल 53 आवेदनों को बिना जांच किए स्वीकृत करने हेतु उक्त लोग मुझपर दबाव देने लगे। बीएओ ने आगे कहा है कि मेरे द्वारा मना करने पर चारों भाजपा नेताओं ने उक्त घटना को अंजाम दिया। साथ ही सरकारी कार्य में बाधा डालते हुए कार्यालय के कागजातों को क्षतिग्रस्त कर दिया। इधर इस मामले में के दो दिन बीत जाने के बाद तीसरे दिन एफआईआर दर्ज होने पर छौड़ाही में तरह-तरह की चर्चाओं से बाजार गर्म रहा। वही एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस भी आगे की कार्रवाई में जुट गई है।
बीएओ द्वारा दर्ज एफआईआर खड़ा कर रहा है सवाल……
मामले के दिन किसानों के प्रतिनिधिमंडल द्वारा बीएओ की मौजूदगी में धरना स्थल पर पहुंचे बीडीओ प्रशांत कुमार, ओपी अध्यक्ष ओमप्रकाश कुमार, पुअनि एके ओझा के समक्ष जब किसानों ने बीडीओ को विभिन्न समस्याओं से संबंधित आवेदन समर्पित किया था। फिर दो दिन गुजरने के बाद एफआईआर दर्ज होना तथा किसान सलाहकार को रविवार 27 दिसंबर को पुनर्विचार संबंधी जानकारी मिलना कई सवाल खड़ा कर रहा है। किसान सलाहकार प्रदीप दास, मुनील कुमार सिंह, अनीश कुमार ने बताया था कि बीते रविवार को वाटसऐप के माध्यम से पुनर्विचार संबंधी आदेश की जानकारी मिली थी। फिर बीएओ द्वारा दर्ज एफआईआर में किसान सलाहकार को छठे दिन निर्देशित करने की बात हजम नहीं हो रही है।
भाजपा नेताओं ने एफआईआर दर्ज होने पर जताई आपत्ति……….
इधर इस संबंध में भाजपा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष रामकुमार वर्मा समेत नामजद नेताओं ने साजिश के तहत दो दिन बाद झूठे मुकदमे में फंसाने जाने पर कड़ी आपत्ति जाहिर की। भाजपा नेताओं ने एक सुर में कहा है कि व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ किसानों के समर्थन में आवाज उठाना गलत है सैकड़ों बार जेल जाना मंजूर है। धरना-प्रदर्शन के दिन अधिकारियों के समक्ष जब बीएओ ने मारपीट तथा कागजात नष्ट करने की बात नहीं की थी तो निश्चित रूप से साजिश प्रतीत होती है। इतना कुछ होने के बाद मजबूरन हमलोग भी न्यायालय की शरण में जाने के लिए बाध्य हैं।