बेगूसराय ::–
बेगूसराय। सामाजिक बिखराव को लेकर पन्द्रह दिवसीय अभिनय कार्यशाला के समापन समारोह मे शहर के दिनकर कला भवन में शीर्षक कविता मुक्तक नाट्य का रूपांतरण कलाकारों द्वारा किया गया। निर्देशक हरीश हरिओम ने बताया कि दस कविताओं के मिलन से साहित्यिक नाम मुक्तक रखकर सामाजिक चेतना को लेकर इस नाट्य की प्रस्तुति की गई।
उन्होंने बताया कि आमजन की जीवनशैली से जुड़े एक मानव जो मानव की तरह जिए क्योंकि आज जो हम मानव हैं अलग अलग समुदाय में बंटते जा रहे हैं।जिससे समाज मे अव्यवस्था के कारण बिखराब दिख रहा है। उन सबों को इस नाट्य के माध्यम से एकत्रित करने का संदेश आमजन को दिया जा गया है। और सिर्फ संदेश ही नहीं बल्कि मानव की एक एक जरूरतों को ध्यान में रखा गया है।
इस नाट्य के माध्यम से जाति, धर्म, सम्प्रदाय इन तमाम विन्दुओं पर एक व्यंग्य है। भिखारी ठाकुर सहित तमाम आधुनिक रचनाकार की रचनाओं को दृश्य के रूप में दर्शाया गया है। सुरभी रूरल डवलपमेंट वेलफेयर सोसायटी द्वारा प्रस्तुति की गई।
निर्देशक व अभिनय कलाकार हरीश हरिओम, अभिनय कलाकार अमरेश कुमार, आभा कुमारी, चंदन कुमार, सोनू, अनिकेत वर्मा, मनीष राज, गोपाल कुमार, अजय कुमार, प्रणय कुमार, दीपक सिन्हा,प्रवीण कुमार गुंजन सहित अन्य ने किया। प्रकाश परिकल्पना चिंटू कुमार व शेड डिजाइन रमन चंद वर्मा ने किया। मंच संचालन दीपक कुमार ने किया।