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दो मुख्यमंत्रियों और एक उपमुख्यमंत्री के आगमन के बावजूद एक इंच भी जमीन नहीं अधिग्रहण किया जा सका इनके शासनकाल में

बेगूसराय ::–

विजय कुमार सिंह ::–

07 सितंबर 2020 सोमवार

@ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा  शिलान्यास किये जाने के बावजूद पिछले 7 वर्षों में 7 ईंच जमीन भी नहीं हुआ मयस्सर।

@ वर्ष 2012 से 2014 के बीच यहां उपमुख्यमंत्री व दो-दो मुख्यमंत्रियों का हूआ आगमन।

@ वर्ष 2015 में 2019 की जनसभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी किया ऐतिहासिक नमक सत्याग्रह व उसके नायक का स्मरण ।

@ कई संघ,संगठनों ने उठाई इस हेतु आवाज ।

@ लंबित भूमि अधिग्रहण कार्य पुरा कर स्मारक निर्माण की रखी मांग।

@ बिहार केसरी “श्रीबाबू” को मिले भारत रत्न सम्मान

स्वतंत्रता संग्राम की अनमोल विरासत व महान स्वतंत्रता सेनानी, बिहार के प्रधानमंत्री व प्रथम मुख्यमंत्री तथा आधुनिक बिहार के निर्माता “बिहार केसरी” डॉ. श्रीकृष्ण सिन्हा(श्रीबाबू) की कर्मभूमि गढ़पुरा के ऐतिहासिक नमक सत्याग्रह स्थल पर स्मारक निर्माण के लिये आज तक एक ईंच जमीन का अधिग्रहण नहीं किया जा सका है।

विदित हो कि इस पावन व ऐतिहासिक स्थल पर स्मारक निर्माण हेतु लगभग 90 वर्षों बाद भी सरकार ने एक ईंच भूमि का अधिग्रहित नहीं किया है। जबकि वर्ष 2012 में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी व 2013 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं 2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी का यहां पदार्पण हुआ था।

उपमुख्यमंत्री व दो-दो मुख्यमंत्री के पहुंचने, शिलान्यास किये जाने और जमीन अधिग्रहण की अधिसूचना अखबारों में प्रकाशित किये जाने के बावजूद भी जिला प्रशासन और सरकार के द्वारा एक इंच जमीन का भी अधिग्रहण नहीं किया जाना अपने आप में सरकार और शासन-प्रशासन के द्वारा लगातार जारी उपेक्षा का एक जीता जागता उदाहरण है।

राष्ट्रीय मुस्लिम मोर्चा ने सरकार के इस उदासीन रवैय्ये और उपेक्षापूर्ण नीतियों से आहत होकर आज सड़कों पर उतरने के लिए विवश हुआ है।

मोर्चा सरकार और सिस्टम से यह मांग करता है कि वर्ष 2013 के दिसंबर में अखबारों में प्रकाशित भूमिअधिग्रहण की अधिसूचना को आविलंब तामील किया जाय और 22 दिसंबर 2013 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा की गई घोषणा तथा नक्शा व डिजाइन के अनुसार भव्य नमक सत्याग्रह स्मारक का निर्माण सुनिश्चित किया जाय। जिससे की वर्तमान व आनेवाली नस्लें आजादी के इस आंदोलन व इसके महत्व को समझ सकें, उनके नायकों के बारें में जान सकें और उनसे प्रेरणा लेकर एक मजबूत व विकसित भारत के निर्माण में अपनी भूमिका सुनिश्चित कर सकें।

मोर्चा के युवा जिलाध्यक्ष अहमद पटेल ने कहा कि आजाद भारत में श्रीबाबू मात्र 10 वर्षों तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे। पर उनके इस छोटे शासनकाल में ही बिहार देश का सबसे बेहतर शासित राज्य बनकर उभरा था और विकास के पैमाने पर देश का दुसरा सबसे ज्यादा विकासशील राज्य था। सचमुच में उनका संपूर्ण जीवन राष्ट्र के लिये समर्पित रहा, वह देश के अग्रणी स्वतंत्रता सेनानी, राजनेता व दुरदर्शी शासक थे।

भारत सरकार को अविलंब “बिहार केसरी” श्रीबाबू को भारत रत्न सम्मान से सम्मानित कर बिहार और बिहारियों की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। उन जैसे महापुरुषों और महानायकों को भारत रत्न सम्मान से सम्मानित करने से उनसे कई गुणा ज्यादा इस सम्मान का सम्मान बढ़ेगा।

इस कार्यक्रम में मो. नुरालम, आबिद हुसैन, रकीब आलम, मो. मुस्तफा, मो. कलाम, मो करीम, मो. शमशेर, हसनैन, मो. शाहजहां, मो. शकील, बीरु कुमार इत्यादि उपस्थित थे।

 

By National News Today

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